यूरिक एसिड: कितनी मात्रा में होना चाहिए और क्यों बढ़ता है?
यूरिक एसिड हमारे शरीर में प्यूरीन नामक प्रोटीन के टूटने से बनने वाला एक प्राकृतिक अपशिष्ट उत्पाद है। आमतौर पर, यह रक्त में घुलकर गुर्दों द्वारा फिल्टर होता है और मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है।
सामान्य स्तर:
- महिलाओं में: 2.6 – 6.0 mg/dL
- पुरुषों में: 3.4 – 7.0 mg/dL
जब शरीर में यूरिक एसिड का उत्पादन अधिक होने लगता है या गुर्दे इसे ठीक से बाहर नहीं निकाल पाते, तो रक्त में इसका स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है। बढ़ा हुआ यूरिक एसिड जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा हो सकता है, जिससे गाउट नामक दर्दनाक गठिया होता है। इससे मांसपेशियों में सूजन और दर्द भी हो सकता है।
इन लोगों को होती है यूरिक एसिड की समस्या अधिक
कुछ लोगों में यूरिक एसिड बढ़ने की संभावना अधिक होती है, जैसे:
- जो लोग आयरन और प्रोटीन (विशेषकर रेड मीट, ऑर्गन मीट, कुछ समुद्री भोजन) का सेवन अधिक करते हैं।
- जिन्हें उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) या थायराइड की समस्या हो।
- मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति।
- कुछ दवाएं भी यूरिक एसिड बढ़ा सकती हैं।
DIP डाइट यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में कैसे सहायक है?
डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी द्वारा प्रस्तुत DIP Diet यूरिक एसिड को स्वाभाविक रूप से नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है:
- कम प्यूरीन युक्त आहार: DIP Diet मुख्य रूप से फल और सब्जियों पर आधारित है, जिनमें प्यूरीन की मात्रा स्वाभाविक रूप से कम होती है। यह मांसाहार और प्रोसेस्ड फूड्स से परहेज करती है, जो उच्च प्यूरीन के स्रोत हैं।
- शरीर को क्षारीय (Alkaline) बनाना: फल और सब्जियां शरीर में क्षारीय प्रभाव डालती हैं, जो यूरिक एसिड को घोलने और मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने में मदद करता है।
- विटामिन सी से भरपूर: कई फल (जैसे नींबू, संतरा, आंवला) विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं, जो यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में सहायक पाए गए हैं।
- हाइड्रेशन: फलों और सब्जियों में पानी की अधिक मात्रा और पर्याप्त पानी पीने से मूत्र पतला होता है और यूरिक एसिड का उत्सर्जन बढ़ता है।
- सूजनरोधी गुण: DIP Diet के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गाउट के कारण होने वाली सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
- वजन प्रबंधन: यह आहार स्वाभाविक रूप से वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो यूरिक एसिड के स्तर को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है।
यूरिक एसिड के लिए कारगर घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खे
DIP डाइट के साथ-साथ कुछ पारंपरिक और आयुर्वेदिक उपचार भी यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में प्रभावी हो सकते हैं:
- अजवाइन का पानी: एक चम्मच अजवाइन को रात भर एक गिलास पानी में भिगोकर रखें। सुबह इस पानी को खाली पेट पिएं। यह पाचन में सुधार करता है और यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकता है।
- आंवला: आंवला विटामिन सी का उत्कृष्ट स्रोत है और यह यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है। आंवले का रस एलोवेरा जूस के साथ मिलाकर पिया जा सकता है, लेकिन किसी भी नए प्रयोग से पहले चिकित्सक की सलाह लेना उचित है।
- कच्चा पपीता: एक कच्चा पपीता (लगभग 100-200 ग्राम) काटकर 2 लीटर पानी में 5-7 मिनट तक उबालें। इस पानी को ठंडा करके छान लें और दिन में 2 से 3 बार पिएं। पपीते में मौजूद पपैन एंजाइम प्रोटीन को पचाने और यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकता है।
- भरपूर पानी पिएं: दिन भर में पर्याप्त मात्रा में (कम से कम 8-10 गिलास) पानी पीना यूरिक एसिड को पतला करने और उसे शरीर से बाहर निकालने के लिए बेहद जरूरी है।
- सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar): एक गिलास पानी में 1-2 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से कुछ लोगों को यूरिक एसिड कम करने में मदद मिलती है। इसका सेवन लगातार दो हफ्ते तक करके देखें।
- नारियल पानी: नारियल पानी प्राकृतिक रूप से हाइड्रेटिंग होता है और इलेक्ट्रोलाइट्स प्रदान करता है, जो यूरिक एसिड के उत्सर्जन में सहायक हो सकता है।
- बेकिंग सोडा (सावधानी से): एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा घोलकर दो हफ्ते तक पीने से यूरिक एसिड का स्तर कम हो सकता है। (इसका उपयोग सावधानी से और सीमित समय के लिए ही करें, और यदि आपको उच्च रक्तचाप या किडनी की समस्या है तो इसका सेवन न करें)।
- ऑलिव ऑयल (जैतून का तेल): खाना पकाने के लिए अन्य तेलों की जगह कोल्ड-प्रेस्ड ऑलिव ऑयल का उपयोग करें। इसमें मौजूद विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ:
- गिलोय (Guduchi): यह गाउट (वातरक्त) के लिए आयुर्वेद की सबसे प्रभावी औषधियों में से एक है। यह सूजन कम करती है और रक्त को शुद्ध करती है।
- पुनर्नवा (Punarnava): यह मूत्रवर्धक है और शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ और यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करती है।
- त्रिफला: यह पाचन सुधारता है और शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है।
आयुर्वेदिक श्लोक संदर्भ (वातरक्त चिकित्सा से): "हरीतकीं गुडूचीं वा पिप्पल्या मधुना सह । भक्षयेत् वातरक्तघ्नं..." (चरक संहिता, चिकित्सास्थानम्, अध्याय २९) - यह श्लोक वातरक्त (गाउट) के उपचार में हरीतकी, गुडूची और पिप्पली के महत्व को दर्शाता है।
जीवनशैली में बदलाव
- उच्च प्यूरीन वाले खाद्य पदार्थों (रेड मीट, ऑर्गन मीट, कुछ प्रकार की मछलियाँ जैसे सार्डिन, शराब विशेषकर बीयर, मीठे पेय) से बचें।
- नियमित रूप से हल्का व्यायाम करें।
- तनाव का प्रबंधन करें।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें।
निष्कर्ष
बढ़े हुए यूरिक एसिड को DIP Diet, घरेलू नुस्खों और जीवनशैली में सकारात्मक बदलावों के माध्यम से प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि आप किसी भी नए उपचार को शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक या स्वास्थ्य सलाहकार से परामर्श करें, खासकर यदि आप पहले से कोई दवा ले रहे हैं।